प्राचार्य

अशोक कुमार चंद्राकर
स्वामी विवेकानंद का मानना था, “शिक्षा मनुष्य में पहले से ही मौजूद पूर्णता की अभिव्यक्ति है”। धरती पर जन्म लेने वाले हर बच्चे में बेहतर जीवन जीने की क्षमता होती है। शिक्षा बच्चे को धरती का सबसे अच्छा इंसान बनाती है। भाईचारा विकसित करना और शांतिपूर्वक रहना दुनिया को ब्रह्मांड की सबसे अच्छी स्थिति प्रदान करता है।
हमारा उद्देश्य अच्छे चरित्र, स्वस्थ स्वास्थ्य, उचित कौशल और शैक्षणिक उत्कृष्टता के अलावा वांछनीय गुणों वाले अच्छे नागरिक बनाना है। माता-पिता, शिक्षक और प्रशासकों को अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा सीखने का माहौल प्रदान करने के लिए इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हम सभी अपने छात्रों को आत्मविश्वास और सफलता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने का प्रयास करेंगे।
इस प्रतिष्ठित संगठन केंद्रीय विद्यालय संगठन में सेवा करने में मुझे बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि केंद्रीय विद्यालय बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करता है। बहुभाषी जनता की विविध पृष्ठभूमि के साथ स्थापित, बच्चों को भारत की एक छत के नीचे लाया जाता है। यहाँ के बच्चों ने देखभाल करना, साझा करना, चुनौतियों पर काबू पाना, कड़ी मेहनत करना और उन्हें सौंपे गए कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना सीखा है। उनका कार्य स्कूल स्तर पर पूरा नहीं होता है, बल्कि उनके जीवन में जारी रहता है। स्कूल में जीवन के पाठों की नींव मजबूती से रखी जाती है, जिससे वे भविष्य में आत्मविश्वास से भरा जीवन जी पाते हैं।